भारत में आईटी उद्योग तेज़ी से बढ़ रहा है, लेकिन एक बड़ी समस्या है - कुशल हाई-टेक इंजीनियरों की कमी। अनुमान है कि देश में 10 लाख से ज़्यादा इंजीनियरों की ज़रूरत है

लेकिन कंपनियों को योग्य उम्मीदवार नहीं मिल पा रहे हैं। यह कमी क्यों हो रही है और इसका समाधान क्या है, आइए इस वेब स्टोरी में समझते हैं:

कौशल का अभाव:  कई इंजीनियरों में सॉफ्ट स्किल्स, जैसे कि कम्युनिकेशन और टीम वर्क, की कमी होती है।

अनुभव की कमी:  कंपनियों को अक्सर ऐसे इंजीनियरों की ज़रूरत होती है जिनके पास रियल-वर्ल्ड प्रोजेक्ट्स का अनुभव हो, लेकिन  नए इंजीनियरों  में यह अनुभव नहीं होता।

कम वेतन:  कई बार कंपनियां  नए इंजीनियरों को  कम वेतन देती हैं, जिसके कारण  टैलेंट  कंपनियों में नहीं रुकता।

इसका असर:

भर्ती में मुश्किल:  कंपनियों को  योग्य उम्मीदवारों को ढूंढने में  महंगाई और  समय  का  बर्बादी  होता है। – प्रोजेक्ट में देरी:  इंजीनियरों की कमी   के  कारण  प्रोजेक्ट्स में देरी  हो सकती है।

समाधान:

शिक्षा में सुधार:  इंजीनियरिंग की शिक्षा को उद्योग की ज़रूरतों के अनुसार अपडेट किया जाना चाहिए। – कौशल विकास:  छात्रों को  सॉफ्ट स्किल्स  और  प्रैक्टिकल  एक्सपीरियंस  देने पर ज़ोर दिया जाना चाहिए।